महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो महादेव भगवान को समर्पित है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन माह की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग महादेव भगवान की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं। इस दिन भक्तों की भीड़ बड़ी होती है और कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं। महाशिवरात्रि का महत्व इस बात में है कि इस दिन महादेव भगवान ने सृष्टि की रचना की थी तथा इस दिन भक्तों की पूजा से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
महाशिवरात्रि के महत्व के पीछे कुछ ऐतिहासिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने अपने स्वरूप को पहली बार उजागर किया था। दूसरी कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने समुद्र मंथन किया था और हलाहल पीने से लोगों को बचाया था। तीसरी कथा के अनुसार, इस दिन पर्वती देवी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार किया था। चार्थी कथा के अनुसार, इस दिन महादेव भगवान ने भक्त प्रहलाद को बचाया था।
इन सभी कथाओं से स्पष्ट होता है कि महाशिवरात्रि के पीछे एक महत्वपूर्ण विषय है – भगवान शिव की महत्ता और उनकी शक्तियों का महत्व। इस दिन लोग भगवान शिव की आराधना करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस साल 18 फरवरी 2023 को महा शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
फाल्गुन मास के कृष्ण चतुर्दशी तिथि को महा शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवरात्रि के दिन ही देवो के देव महादेव और मां पार्वती जी का विवाह हुआ था।
सुखी दम्पतिए जीवन और अच्छे वर की कामना के लिए महा शिवरात्रि का व्रत बहुत महत्व रखता है
इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न कर ले तो जीवन के सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं।
इस साल महा शिवरात्रि पर कई दुर्लभ योग का सयोंग बन रहा है, जिस्मे शिव पार्वती का पूजन का दोगुणा फल प्राप्त होगा
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त-
18 फरवरी 2023 को रात 8 बजकर 2 मिनट से 19 फरवरी को साम 4 बजकर 18 मिनट तक है।
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री-
फूल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, गाय का कच्चा दूध, दही शहद, गंगा जल, सुध जल, कपूर, धूप, दीप, चंदन, रोली, मोली, जनेऊ, पाँच तरह के फल, मिठाई, मां पार्वती के लिए सिंदूर शिंगार का सामान आदि
महाशिवरात्रि पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर के साफ सुथरे वस्त्र धारण करें।
उसके बाद शिव मंदिर जा कर भगवान शिव जी का जलाभिषेक करें। फिर भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करें। उसके बाद शुद्ध जल से स्नान करें। उसके बाद चंदन कुमकुम का तिलक लगाये उसके बाद बेल पत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए चढ़ाए। उसके बाद फूल, भांग, धतूरा आदि शिव लिंग पर अर्पण करें।उसके बाद फल मिठाई भगवान को अर्पण करें।
ॐ नमः शिवाय का जाप करे,इस तरह मां पार्वती की पूजा करे , श्रृंगार का समान मां पार्वती को अर्पण करे।
अंत में भगवान शिव और मां पार्वती से छमा याचना करे।सुखी जीवन की कामना करे। इस दिन मांगे मुरादे भगवान शिव जी पूरी करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।