बाबा नीम करोली जी की चमत्कार की कहानियाँ।

बाबा नीम करौली (Baba Neem Karoli) का जन्म 1900 ईसा पूर्व में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में हुआ था। उनके असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। उनके पिता एक धनी व्यवसायी थे जो धार्मिक समाज के सदस्य भी थे। बाबा नीम करौली ने बचपन में ही अपनी आध्यात्मिक उपलब्धियों का पता लगाया था। वे बचपन से ही ज्योतिष, तंत्र-मंत्र, वेदों और शास्त्रों का अध्ययन करते रहे।

बाबा नीम करौली की खासियत थी कि वे सभी धर्मों के प्रति समझदार थे और सभी लोगों को अपने समान मानते थे। उन्होंने अपनी जीवनशैली में भी इस बात को उजागर किया था। बाबा नीम करौली के जीवन में कई चमत्कार हुए जिनसे उनकी आस्था और लोगों की विश्वास की बढ़ती गई।

बाबा नीम करौली एक भक्ति और धर्मगुरु थे जिन्होंने अपने जीवन के दौरान कई अद्भुत चमत्कार किए थे। उन्होंने अपनी जीवन यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित किया और उनकी मदद की। इस तरह वे भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन करते थे।

बाबा नीम करौली को बचपन से ही भगवान राम के भक्त के रूप में जाना जाता था।

एक दिन बाबा नीम करौली ने अपने घर छोड़ दिया और फिर कभी वापस नहीं आए। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान अनेक चमत्कार कर दिखाए जिनसे लोग उन्हें बहुत प्रेम करने लगे।

उन्होंने एक बार एक गरीब के घर जाकर उन्हें खाना खिलाया। इसके बाद उन्होंने गरीब के बच्चे को अपनी भक्ति का उपहार देने के लिए अपने जूते को दिया।

बाबा नीम करौली जी (Baba Neem Karoli Ji) के जीवन में कई अनसुनी कहानियां हैं। यहां कुछ ऐसी अनसुनी कहानियां हैं जो उनके जीवन से जुड़ी हुई हैं:

  1. बाबा जी की दिव्य शक्ति: एक बार एक व्यक्ति ने बाबा जी से कहा कि उन्हें एक सुपरनॅचुरल अनुभव करवाना है। बाबा जी ने उसे उसी व्यक्ति के घर भेज दिया। उस रात, वह व्यक्ति अपने घर में सो रहा था जब उसे बाबा जी की दिव्य आभा का अनुभव हुआ। उसे लगा कि वह अपने आप को एक दिव्य ऊँचाई से ऊपर उठते हुए देख रहा है।
  2. बाबा नीम करौली जी के चमत्कार की एक अनसुनी कहानी है एक बार एक गांव में एक युवक था, जो बहुत बीमार था। उसने सभी चिकित्सा उपचार कराए लेकिन उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। तब उसके परिवार ने सोचा कि शायद बाबा नीम करौली जी की कृपा से उसकी सेहत में सुधार हो सकता है।उन्होंने उस युवक को बाबा नीम करौली जी के पास ले जाकर उनसे मदद मांगी। बाबा नीम करौली जी ने उस युवक को देखा और उन्होंने उसे एक छोटे से नीबू का रस पीने का आदेश दिया।युवक ने उनके आदेश का पालन किया और चमत्कार हो गया। उसकी सेहत में सुधार हो गया और उसने बाबा नीम करौली जी के चमत्कार को देखा।इस घटना से युवक ने अपनी जिंदगी में कुछ बदलाव किया और वह बाबा नीम करौली जी के भक्त बन गया। उसने संत की सेवा में अपनी जिंदगी का वह अगले दिन से बाबा जी के शिष्य बन गया उनकी शरण में रहा।यह एक अनसुनी कहानी है,
  3. बाबा नीम करौली जी की एक कहानी में बताया जाता है कि एक बार उन्होंने एक बड़े से भंडारे में भक्तों के लिए भोजन बनवाया था। उनके भक्त उन्हें सारे सामानों के लिए पैसे दे चुके थे, लेकिन जब भोजन तैयार हुआ तो उसमें घी की कमी हो गई थी। बाबा नीम करौली जी ने अपने भक्तों से कहा कि घी की कमी होने के बावजूद भोजन को सभी को देना होगा। फिर उन्होंने एक दूध का टोपा लेकर सभी भोजन पर डाल दिया जिससे भोजन में घी की कमी पूरी हो गई। इससे सभी भक्त बहुत खुश हो गए और उन्होंने बाबा नीम करौली जी की बड़ी समझ और संतोष का भी जिक्र किया। यह कहानी बताती है कि बाबा नीम करौली जी ने सभी को एक समान माना था और उन्होंने अपनी बड़ी बुद्धिमानी से इस समस्या का समाधान निकाला था। इसके अलावा, यह कहानी समझदारी, दया और सभ्यता का परिचय देती है।
  4. बाबा नीम करौली जी के बारे में कई कहानियां हैं, लेकिन ‘कुएं का पानी मीठा हो गया’ एक बहुत ही प्रसिद्ध कहानी है।इस कहानी के अनुसार, एक दिन बाबा नीम करौली जी को अपने शिष्यों ने एक कुएं के पास ले जाया। वहां जाकर उन्होंने कुछ पानी निकाला और उसे चखा। उन्हें लगा कि पानी बेहद कड़वा है। तब उन्होंने अपने एक हाथ से थोड़ा सा गुड़ ले लिया और उसे पानी में मिला दिया। फिर उन्होंने पुनः पानी को चखा तो उन्हें लगा कि पानी मीठा हो गया ,उनके शिष्यों ने इसे देखा और बहुत ही हैरान हुए। उन्होंने बाबा जी से पूछा कि इसका मतलब क्या है। तब बाबा नीम करौली जी ने उन्हें बताया कि जैसे जैसे हम अपने अंदर के दोषों और बुराईयों को दूर करते हैं, उतनी ही हमारी जीवन की नींव मजबूत होती जाती है। और जैसे जैसे हम सच्चाई, प्रेम और उदारता का गुड़ अपने जीवन में मिलाते हैं, उतना ही हमारा जीवन मीठा होता जाता है!

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